Finance क्या है ?
फायनान्स का मतलब हे , वित्त - वित्तपुरवठा . वित्तपुरवठा का मतलब किसी कंपनी या व्यक्ती को पैसे का पुरवठा करना हे | किसी भी प्रकार के खर्चे के लिये निधी अथवा पुंजी खडे करने कि प्रकिया | फायनान्स का सीधे शब्द मे अर्थ होता है , पैसे को सही जगह , सही समय और सही तरीके से इस्तेमाल करने कि कला | हम जब भी फायनान्स कि बात करते है , तब दो प्रकार के मतलब निकलते है |
- स्तोत्र ( Resource ) - हम बाजार (Market ) से कोई भी महंगी वस्तू जैसे कि , कार , मोटार साईकल , मोबाईल और घर हम ईएमआय ( Instalment) और क्रेडीट पर लेते है | तब हम वो फायनान्स किया है , ऐसे कहते है | अपने चीजो खरीदने के लीये हमे पैसा बँक और निजी फायनान्स कंपनी देते है |
- फायनान्स का दुसरा मतलब निकलता है , अपने पैसे का उचित तरीके से उपयोग करने का अध्ययन (Study ) करना है | व्यक्ती या इन्सान एक पैसे को इक्ठा करना , व्यवस्थित करना और पैसे को उचित रूप से खर्च करता है उसे फायनान्स कहते है | व्यक्तिगत रूप से , कोर्पोरेट संस्था , बँक और सरकारी एजन्सी फायनान्स का काम करते है |
फायनान्स के मुख्य प्रकार ( Types of finance ) –
- व्यक्तिगत फायनान्स
- कोर्पोरेट फायनान्स ( कंपनी के पैसो कि अर्थव्यवस्था )
- पब्लिक फायनान्स ( सार्वजनिक के पैसो कि अर्थव्यवस्था )
- व्यक्तिगत फायनान्स -
व्यक्तिगत फायनान्स का मतलब है , अपने पैसे को सही तरीके से निवेश करना , उचित तरीके से खर्च करना है | व्यक्तिगत फायनान्स का मुख्य उद्देश हमारी कमाई को अपने भविष्य के सुरक्षा के लिये सही जगह पर खर्च करना और निवेश करना है | व्यक्तिगत फायनान्स मे बजेटिंग ( Budgeting) , बचत (Saving) , निवेश( Investing ) , रिटायरमेंट प्लानिंग और कर्ज को प्रबंधीत ( Manage ) करना ये मुख्य संकल्पना है | व्यक्तिगत फायनान्स को हम एक उदाहरण से समजते है . बजट करना – संजय को अपनी आर्थिक स्थिती का आकलन करते यह तय करना होगा कि वह घर और निजी खर्चे के लिये कितना पैसा खर्च कर करना चाहिये | उसके हिसाब से संजय को बजत करणा चाहिये| बचत और निवेश – संजय को भविष्य के सुरक्षा के लिये अपने कमाई का थाडोसा हिस्सा बचत करना चाहिये | पैसे को बचत करने के साथ उस पैसे को सही जगह जैसे कि भविष्य निधी योजना , शेअर बाजार मे निवेश करना चाहिये | कर्ज का प्रबंधन – संजय को उच्चतम ब्याज के क्रेडीट कार्ड का कर्ज पहले भुगतान चाहिये , ताकी ब्याज बज सके | कर्ज हमेशा कम ब्याज देनेवाले बँक से लेना चाहिये|
- कोर्पोरेट फायनान्स ( कंपनी के पैसो कि अर्थव्यवस्था ) -
कोर्पोरेट फायनान्स जादातम बडी बडी कंपनी या संस्था के पैसे को प्रबंधीत करता हे | कोर्पोरेट फायनान्स मे कंपनी और संस्था अपने पैसे को सही समय पर पैसे को दुसरी कंपनी मे निवेश करना और उस पैसे को व्यवस्थित करना होता है , ताकी कंपनी और संस्था कि आर्थिक परिस्थिती मजबूत बनी रहे | कोर्पोरेट फायनान्स मे पुंजी बजटिंग, पुंजी संरचना , निवेश पर लक्ष देना ये मुख्य संकल्पना है |
- पब्लिक फायनान्स ( सार्वजनिक के पैसो कि अर्थव्यवस्था ) -
पब्लिक फायनान्स ऐसी फायनाशिअल प्रक्रिया है , जिसमे सरकार द्वारा लगाये हुये कर के जरीये पैसा इक्ठा करती है और उस पैसे को अलग अलग योजनाओ मे लगाती है | इस फायनान्स से सरकार अपने राज्य का विकास करणे के लिये पैसा व्यवस्थित करता है| पब्लिक फायनान्स मे सबसिडी , कर का जमा करना , सार्वजनिक सेवाओ को व्यवस्थापित करना ये सब काम शामिल होते हे |
फायनान्स क्यो जरुरी है ?
- सही और सटीक तरीके के से फायनान्स कि प्लानिंग करने से हम आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते है |
- अपना खुद का याने कि व्यक्तिगत फायनान्स करने से भविष्य के लिये सुरक्षित पुंजी बनती है |
- पब्लीक फायनान्स करने से देश कि अर्थव्यवस्था मजबूत बनने मे मदत होती है |
- अचानक आने वाली आर्थिक समस्याओं से ( जैसे कि आरोग्य से सबंधित आर्थिक समस्या ) बचाव होता है |
- कोर्पोरेट फायनान्स करने से व्यवसाय मे विकास के अवसर बढते है और आर्थिक वृद्धी होती है |
फायनान्स कैसे सिखे ?
- फायनान्स से जुडी किताबे पढे |
- जैसे कि , रिच डैड पुअर डैड ( Rich Dad Poor Dad ) – Robert Kiyosaki ,
- थिंक एंड ग्रो रिच ( Think and Grow Rich )- Napolean Hill ,
- पैसो का मनोविज्ञान ( The Psychology of Money ) – Morgan Housel इन किताबो का हिंदी अनुवाद मार्केट मी उपलब्ध है |
- ब्लॉग से सिखे -
हमे गूगल पर कई सारे फायनान्स के सबंधित ब्लॉग मिलेंगे | उसे पढकर हम फायनान्स का आकलन कर सकते है | - युटूब से सिखे –
- फायनान्स को सिखने के लिये हमे निवेश कि छोटी शुरुवात करनी चाहिये | जैसे कि , व्यक्तिगत फायनान्स को नजर मे लेते हुये , हमे म्युचुअल फंड मे छोटी राशी के साथ SIP शुरू कारणी चाहिये |
- फायनान्स का आकलन करने के लिये हमे बजेट बनाने कि आदत डालनी चाहिये | जिसे हम भविष्य मी अच्छी तरह से बजेट करे और उसे हमे हमारे आर्थिक लक्ष्य तय कर सकते है |


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